किसी व्यक्ति (person) वस्तु (Thing) अथवा स्थान (place) के नाम को संज्ञा कहते हैं।
उदाहरण - व्यक्ति (मोहन, मीरा), वस्तु (किताब ,पंखा), स्थान (दिल्ली, वृंदावन)।
संज्ञा के तीन भेद(type) होते हैं।
संज्ञा का वह रूप जो संज्ञा के किसी विशेष(specific) व्यक्ति वस्तु स्थान आदि का बोध कराता हो उसे व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते हैं।
उदाहरण >> विशेष व्यक्तियों के नाम- कृष्ण, महात्मा गांधी ,गौतम बुद्ध आदि| >> विशेष स्थान- भारत, दिल्ली ,कानपुर आदि| >> विशेष पुस्तकें (ग्रंथ)- रामायण ,गीता ,कुरान, बाइबल ,आदि| >> विशेष नदियां- गंगा जमुना गिरी आदि| >> विशेष पर्वत- हिमालय, कैलाश पर्वत आदि।
संज्ञा का वह रूप जिससे किसी जाति वर्ग या समूह का बोध हो उसे जातिवाचक संज्ञा कहते है।
उदाहरण - पर्वत ,नदी, पेड़, बालक, स्त्री, सड़क ,नगर, दोस्त आदि|
संज्ञा के दो और प्रकार(type) जातिवाचक संज्ञा के अंतर्गत आते हैं
संज्ञा का वह रूप जिससे किसी ठोस (solid) या तरल(liquid) पदार्थ का बोध हो उसे द्रव्यवाचक संज्ञा कहते हैं।
उदाहरण - गेहूं, पानी, तेल, चना, फल, सोना, सब्जी, पीतल, दूध आदि|
संज्ञा का वह रूप जिससे किसी भी समूह का बोध हो उसे समूहवाचक संज्ञा कहते हैं।
उदाहरण - कक्षा, सेना, सभा, चाबी का गुच्छा, अंगूर का गुच्छा आदि|
संज्ञा का वह रूप जिससे किसी के गुण, दोष, अवस्था(state) आदि का बोध हो उसे भाववाचक संज्ञा कहते हैं।
उदाहरण >> गुण- सुंदरता, सादगी, मिठास, चालाक आदि। >> दोष- चोरी, बेईमानी, क्रोधी, गंदगी आदि। >>भाव- हंसी, प्रेम, दया, क्षमा, मानवता आदि| >>अवस्था- बचपन, बुढ़ापा, मृत्यु आदि|