विराम शब्द का अर्थ है – रुकना या ठहरना।वाक्यों के बीच-बीच में थोड़ी देर के लिए रुकने का संकेत करने वाले चिह्नों को विराम-चिह्न कहते हैं।
हिंदी में प्रयोग किए जाने वाले प्रमुख विराम-चिह्न
पूर्ण विराम का उपयोग वाक्य पूरा हो जाने पर अंत में किया जाता है।
उदाहरण - सूर्योदय हो रहा है।
जब पूर्ण विराम से कम समय के लिए रुकना पड़े तब अल्प विराम का प्रयोग किया जाता है।
उदाहरण - मीना,रोहन तथा शीला घूमने गए।
किसी बड़े वाक्य में एक से अधिक वाक्य जोड़ने पर अर्ध विराम का प्रयोग किया जाता है।
उदाहरण - निरंतर प्रयत्नशील रहो; रुकना कायरता है।
प्विस्मयः आश्चर्य, शोक, हर्ष आदि भावों को प्रकट करने पर इस्तमाल किया जाता है।
उदाहरण - वाह! कितना शानदार प्रदर्शन है।
योजक या विभाजक चिह्न का उपयोग हम दो शब्दों को जोड़ने के लिए करते हैं।
उदाहरण - जीवन में सुख-दुख तो चलता ही रहता है।
किसी भी सूचना देने वाले वाक्य के बाद निर्देशक चिह्न का इस्तमाल किया जाता है।
उदाहरण - स्नेहा ने कहा-मैं कल आऊँगी।
१) एकहरे उद्धरण चिह्न - किसी विशेष व्यक्ति, ग्रंथ, उपनाम आदि लिए; जैसे रामचरित मानस’ तुलसीदस द्वारा रचित ग्रंथ है।
२) दोहरा उद्धरण चिह्न (” “) – किसी के द्वारा कही गई बात को ज्यों-का-त्यों दिखाने के लिए; जैसे - महात्मा गांधी ने कहा, “सत्य ही ईश्वर है।"
निर्देश देने के लिए या किसी विषय का विवरण देने के लिए।
जैसे - कारक के आठ भेद हैं:
वाक्य के बीच में आए शब्दों या पदों का अर्थ स्पष्ट करने के लिए।
जैसे - बाल्मीकि (संस्कृत के महाकवि ) को सभी जानते हैं।
कोई हँसपद-लिखते समय यदि कोई अंश शेष रह जाए तो ,इस चिह्न को लगाकर उसे ऊपर लिख देते है;
जैसे - बगीचे में λ फूल खिले हैं।
किसी बड़े अंश का संक्षिप्त रूप लिखने के लिए।
जैसे - मेंबर ऑफ पार्लियामेंट - एम०पी०,